मंगलवार, 6 जनवरी 2009

ख़ुदा के लिए बस करो.....

हद कर दी..गाजा में.... कोई है क्या सुनने वाला.......शायद सब मुर्दा हो चुके है.....कोई नहीं बचा सकता इन लोगों को............किस की शह पर इतना उछल रहा है...इज़राईल....जूता खा चूक बुश साहब अब बातों के नहीं लातों के आदमी हो गए है....वैसे तो हर किसी के फटे में टांग अड़ाने वाले अंकल सैम अब किस गुफा में जा कर छुप गए है...ग़ाज़ा में जिन्दगी रो रही है....पर कोई सुनने वाला नहीं है...छोटे छोटे बच्चों के स्कूल का नामों निशा ख़त्म कर देने वाली मिसाईल को दागा जा रहा है....वो भी ये कह के की हमास के आतंकी स्कूल और मस्जिदों को पनाहगार बनाये हुए है.... मान लीजिए बनाया भी है..तो क्या आप मासूमों की लाश पर चढ़ के उन आतंकीयों को पकड़ना चाहते है...बुरी ....बहुत ही बुरी सोच है ज़्यादा कुछु ना लिख कर बस इतना ही कि...कुछ करो.....कोई तो कुछ करो.....
खुदा हाफिज़.........