रविवार, 22 मार्च 2009

गुडी का गुडबॉय.....

जैक गुडी दुनिया से चली गई...
लेकिन आख़िरी सलाम कुछ इस अंदाज़ में कर गई की सब को याद रहेगा...। कैसे कोई अपनी मौत का भी जश्न मना सकता है ये जैक गुडी ने बखूबी कर दिखाया...जो बेशक सबको याद रहेगा...कम से कम मुझे तो हमेशा ही याद रहेगा..सत्ताइस साल की जैक ने शायद अपनी जिन्दगी में वो सब को देखा और किया जो लोग सालों ज़िन्दा रहते है...लेकिन फिर भी सोचते रह जाते है करना है करना और नहीं कर पाते...बहरहाल...गुड़ी जिस अंदाज़ में चर्चा में आई उसके लिए यही कहा जा सकता है...बदनाम भी होंगे तो क्या नाम ना होगा....।
हालांकि जैक की शोहरत का सफर बदनामी से शुरू हुआ था...लेकिन ये बदनामी इतनी नामी में बदल जायेगी ये गुडी ने भी नहीं सोचा होगा....खैर चुलबुली...गुडी ने जिस अंदाज को सब को गुडबॉय किया उसने सबके दिल को छू लिया..। ज्य़ादा कुछ लिखने को नहीं है...बस गुडी गुडबॉय ...और खुदा करे आपको जन्नत नसीब हो....।
शुक्रिया...।